*फणीश्वर नाथ रेणु*•••••••••••••

*फणीश्वर नाथ रेणु*
•••••••••••••

धन्य हुआ अररिया जन्मा,
 फणीश्वर महान,
  सर जमीन बिहार की,
  तुम्हें शत शत प्रणाम।

साहित्य के आकाश में, चमकता हुआ एक नाम,
 सीधी सरल सहज भाषा, रचना‌ बडी  बेमिसाल।
जुड़ा जमीन से इक कवि,पला अंचल की छांव,
 देश का नाम किया रोशन,धन्य अररिया गांव।

आंदोलन का हिस्सा बनकर नेता भी कहलाए आजादी की लड़ाई लड़ाई देश स्वतंत्र कराएं।

मैला अंचल जीवन में, उजाला भर गया,
  पद्मश्री उपाधी पायी,अमरत्व दिला गया।
धन्य है फणीश्वर रेणु,तेरी कलम की उचाईंया,
याद करेंगी जिनको, जाने कितनी सदियां।।
********************
सुखमिला अग्रवाल’भूमिजा’
 स्वरचित मौलिक
 सर्वाधिकार सुरक्षित
 मुंबई
********************************************
अपना साहित्य निःशुल्क प्रकाशित करने के लिए
हमे मेल कोजीए marotigangasagare2017@gmail.com

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पाँच प्रेम कविता

प्रेम कहानी रिश्तें बदलतें हैं...

हिंदी भाषा का प्रसार प्रचार