Love poem monwart

कोई तो बात होगी
तभी रखा है तुमने
मौन व्रत
यूही ऐसे कभी नही रखती
किस खुशी मे रखा है
तुमने यह मौन व्रत
क्या मुझे बता पाओगी
पता है व्रत टूट जाएगा
तो इशारो मे समझाओगी
क्यों रखा है तुमने मौन व्रत
क्या बता पाओगी
मै भी यह मौन व्रत रखू क्या ?
तुम्हारे खुशी मे शामिल होने के लिए
तुम्हारे नि:शब्द कथनो मे
मेरे शब्द कथित करने के लिए
मै भी रखू क्या मौन व्रत...
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