मातृव दिवस पर कविता
करो माँ को प्यार
क्या बात लिखूँ मैं माँ बारे मे
लिखना तो मेरे बस में नही
शब्द कम पढ़ जाएंगेऔर
उपमा तो कोई नही दे पाऊँ मैं
इतना अच्छा मैं नही...
उसकी ममता उसकी माया
क्या बताऊँ मैं अभी
इतना बल मेरे कलम में नही
जो लिखें माँ की बातें...
रात -दिन मेहनत कर मिझे
उसने पाला हैं, वह भूखी सोई पर
उसने डाँटकर खाना मुझे खिलाया हैं
आज दो पैसे कमाकर क्या लाया
मैं माँ को भूल क्यों गया...
यह अभी वर्तमान में भी
यही हाल माँ की हैं...
उसने हमको खुद से ज्यादा सँभाला
वह माँ अपनी हैं करो माँ प्यार
जीतेजी स्वर पाओगे....
कवि मारोती गंगासागरे
नांदेड़ महाराष्ट्र से
8411895350
लिखना तो मेरे बस में नही
शब्द कम पढ़ जाएंगेऔर
उपमा तो कोई नही दे पाऊँ मैं
इतना अच्छा मैं नही...
उसकी ममता उसकी माया
क्या बताऊँ मैं अभी
इतना बल मेरे कलम में नही
जो लिखें माँ की बातें...
रात -दिन मेहनत कर मिझे
उसने पाला हैं, वह भूखी सोई पर
उसने डाँटकर खाना मुझे खिलाया हैं
आज दो पैसे कमाकर क्या लाया
मैं माँ को भूल क्यों गया...
यह अभी वर्तमान में भी
यही हाल माँ की हैं...
उसने हमको खुद से ज्यादा सँभाला
वह माँ अपनी हैं करो माँ प्यार
जीतेजी स्वर पाओगे....
कवि मारोती गंगासागरे
नांदेड़ महाराष्ट्र से
8411895350
टिप्पणियाँ