हिंदी भाषा का प्रसार प्रचार
हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं विकास
हिन्दी भाषा लगभग 5००० साल पुरानी है।अमीर खुसरो ने सबसे पहले
इस भाषा को हिंदी नाम दिया, ऐसा माना जाता है। सिंघू नदी के किनारे बसी मानव सभ्यता भारत की सभ्यता है। सिंधू नाम इरान जा कर अपभ्रंश हो कर हिंदी पुकारा गया। चीन की भाषा मेडेमिन सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है,इस के बाद नम्बर आता है हिंदी भाषा का जिसे लगभग ७० करोड़ लोग बोलते समझते हैं। हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है। फिर भी हिंदी को राष्ट्रभाषा जैसा सम्मान नहीं मिला है। भारत में भी अंग्रेजी भाषा बोलने समझने वाले नागरिक को ज्यादा सम्मान मिलता है,आमतैर पर। भाषा आदमी सीखता है नोकरी धंन्धे हेतू सामान्य तौर पर।कम्पूटर ओर नेट के जमाने में अंग्रेजी भाषा बोलने समझने वाले नागरिक को ज्यादा अवसर रोजी-रोटी हेतु। इसलिए भी हिंदी पिछड़ रही है। अदालत में भी जिक्र अंग्रेजी में होती है बड़ी अदालत में।फैसले भी अंग्रेजी में लिखे जाते हैं। भारत सरकार को हिंदी में बड़ी अदालत में जिरह हौ, फैसले हिन्दी में लिखे जाये ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। हिंदी भाषा का विस्तार रोज हो जैसा अंग्रेजी के लिए ओकस्फोड युनिवर्सिटी में होता है अंग्रेजी के लिए।
रोज नये शब्द शब्दकोश में जोड़ें जाते हैं। भारत में सभी राज्यों में हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल हो। हिन्दी फिल्मों का प्रचार किया जाये। हिंदी फिल्मों हिन्दी प्रचार का बढ़ाया और बेहतर माध्यम है। हिंदी गीत भी बेहतर माध्यम है। बेहतर फिल्म बने। बेहतर गीत लिखे जाये। अखबार भी हिंदी ही पढ़ें। हिन्दी शब्द छोटे हो और उनका अनुवाद भी सरल हौ। शब्द शब्दकोश में सरलता लाई जाये। वो हस्य का विषय ना बने। आकाशवाणी में भी कविता पाठ बेहतर हो आकाशवाणी हिंदी भाषा में सुनी जाये। मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रमों में मेहनत करना अभी बाकी है। नेट पर हिन्दी में तमाम जानकारियां उच्च स्तर की सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा सकती है।
१९७५ में सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था १० जनवरी को, जिसमें २२ देश के प्रतिनिधि मंडल आया था उसी दिन से १० जनवरी को हिंदी दिवस मनाया जाता है। १४ सितंबर को भी हिंदी दिवस मनाया जाता है। मगर एक दिन हिंदी दिवस मनाने से काम नहीं चलेगा। हिंदी को प्रतिदिन महत्त्व दिया जाय तो बेहतर होगा। हिन्दी लेखक का ये कर्त्तव्य है कि वह हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दे। आजकल नया रोग फैल रहा है बच्चे हिंदी नहीं समझते। उन्हें समझाये सब्जी खरीदने पर हींदी भाषा में ही बात करनी पड़ेगी। सब्जीवाला अंग्रेजी नहीं समझेगा। वो आप को भाव हींदी में ही बतायेगा, इसलिए हिंदी सीखें । ये नहीं होना चाहिए कि अडतालीस मतलब कितने? अखबार हिंदी ही खरीदें। आपस में बात हिन्दी में ही करें। हिंदी गीत,कविता कहानी उपन्यास नाटकों को पढ़ कर आप हिंदी भाषा का प्रचार करें। प्रोत्साहन दे। उपहार में हिंदी पुस्तकों को लेने देने का चलन फैलायेंगे हम सब मिलकर। बच्चों के जन्म दिवस पर हास्य कार्य गोष्ठी आयोजित कर सकते हैं। कभी कभी ही सही नागरिकों हम
मगर श्रीगणेश तो हो। शादी की सालगिरह पर भी कवि सम्मेलन करवा सकते हे। परिवार में रामलीला का आयोजन किया जा सकता है। वाट्स अप पर कविता भेजे। फेसबुक पर शेयर करें कहानी उपन्यास कविता इतिहास प्रेमचंद जीवनी आदी। हिन्दी भाषा का प्रचार हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु नारे भी लगाए और लिखे। हिन्दी जिंदाबाद।
अलका जैन इंदौर मध्यप्रदेश
८_१०_५७
Golden book of world record holder
Durdarshan 0ra akashwadi me kavita path
Bsc
21/2 manorama ganj indore mp
alkajain8888@gmail.com
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