नववर्ष की शुभ एवं मंगल कामनाएं

नववर्ष की शुभ एवं मंगल कामनाएं 

नव वर्ष की नई प्रातः
हो सुख समृद्धि दाता।
खुशियों से जोड़े नाता
दुःखों से न हो वास्ता।

पिछले साल ने ले विदाई
नव वर्ष ने चादर फैलाई।
चिड़िया चहचहाई
नव वेला है आई।

सूर्यदेव ने नव प्रकाश है डाला
सब ओर से,
शुभ-शुभ के मिल रहे है सन्देश
हम भी हो गए उसमें समावेश।।

आज पुरानी कुंठाओं को त्यागे
वैर-भाव को आने न दे आगे।
नव चेतन का निर्माण करें
ऐसा हम कुछ काम करें।

जो बीत गई, सो बात गई
गमों की बरसात बहीं।
नई राह को तलाशे
खुशियों को झोलियाँ भर-भर बाँटे।

विगत वर्ष के कटु अनुभव
राह में रोड़ा अटकाएंगे।
पर भर के मिठास चाशनी की
नई चाँदनी उनको दिखाएंगे।

श्रम साधना से लिखेंगे इतिहास
नव उत्साह से आलौकिक करेंगे ताज।
कायम करेंगे राम राज
एक होगा जमीन और आसमान।

छोड़ गम और तम का साथ
थामे एक दूसरे का हाथ।
खुशियों के दीप जगमगाएंगे
हर घर को रोशनी से नहलाएंगे।

संर्घषों के चक्रव्यूह में घिर कर
सुगम पथ का निर्माण करें।
हर चेहरे से पोंछ उदासी
खुशियाँ प्रदान करें। 

                               अर्चना कोचर

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