पर्यावरण

पर्यावरण

तरुवर अति पावन,बहुत सुहावन,यह बहु बिधि सुखकारी l
कुछ पौध लगाओ,रोग भगाओ,हो विकसित फुलवारी ll
छाया मन भाये,मेघ बनाये,हर्षित नर अरु नारी l
धरती मुसकाती,कोयल गाती,फल से नत तरु भारी ll

आक्सीजन दाता,नेह लुटाता,वृक्ष देव कहलाते l
हम पूजें इनको,रजनी दिन को,रक्षा तिलक लगाते ll
दीनों की आशा,जन्तु निवासा,राहगीर पुनि आते l
ये   रैन   बसेरा, सबका  डेरा,पा आश्रय  हरषाते ll

ये भगवन दूजा,कर लो पूजा,पर्यावरण सुधारो l
कर  इनकी सेवा,पाओ मेवा,इन पर निज को वारो ll
ऋगुवेद   सुनावे,जन   जन गावे,दस  पुत्रों सम धारो l
यह कर्म पुनीता,वेद सुनीता,जीवन जन्म सँवारो ll
डॉ अवधेश कुमार 'अवध'
8787573644

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