बारिश के थे चारो ओंर मन चाहॉ वातावरण यंव स्थितीयॉ थी, दिल को लुभाने की बाते भी हो रही थी |इस स्थिती मे काले बादलो की हल्की सी मुस्कान और वह हवा झोका मन का उत्साह बढांने मे मदद करता रहॉ |मिनट- दर मिनट ऐसा समय भी कटता हुऑ नजर आ रहॉ था, इसी समय नैन अपनी एक लौती जग से निराली, खुद से बेगानी दिल की धडकन ऐसी सहेली को मिलने के लिए उत्साह भरे मन से आमंञण देता है | तो वा भी झट से आमंञण स्विकार करती है और बताई हुऐ जगह पर नैन से पहले आकर नैन का इंन्तजार करती हुई बैठी थी | और काले बादलो की ओंर देखकर उसकी हँसी और पागल सी हवा उसके बाल पकडकर झुला -झुल रही थी | ऐसे स्थिती मे वे नैन के आने का इंन्तजार कर रही थी और प्रकृती के सौदर्य मे मंञ मुक्त होकर वह पंछियों के गीत सुनने लगी थी | तभी नैन आता है और कहता है| ," कहॉ खोऐ हों आप क्या किसीका इंन्तजार हैं आपको | " नैन की ऐसे बाते सुनकर श्रध्दा ने अपनी ऑखे बिल्ली की तरहॉ टटोलकर कहॉ, " हॉ... आपका ही इंन्तजार था ,पर लगता है कि आपको आने मे देर हो गयी ,इसीलिए मै इन हँसीन बादलो को देखकर मै कहॉ...
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