प्रेम कविता भावनाओं से एक हम

प्रेम कविता  भावनाओं से एक हम
                    मारोती गंगासागरे

        हे तन से दूरियाँ भावनाओं से एकहे तन से दूरियाँ भावनाओं से एक
हे भले ही हम मौन में मगर
भावनाओं से जुड़े हुए है एक
        राह की बंदनो में बंदे है हम
        दुसरो के खातिर दिल की
        खुशियों को दबाके रखने वाले है हम
         अन देखा करके भी भावनाओं में देखते है हम
कितनी अजीब दास्ता है
देखने मे तो दूरियाँ है
होती भी नही अब बात भी
यह कॉल भी लगता नही है
फिर भी भावनाओ का मेल
मिला हुआँ है कहि पर
तू याद करती हैं मुझे
मैं भी याद करता हूँ तुझे
यह भावनाएं बताती है मुझे





        

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