क्या समझू मै...
क्या समझूँ मै तेरे मौन को
क्यो चेहरे की हँसी चली गयी
मूझे देखकर तू क्यो उदास हो गयी
क्या समझू मै तेरे इस उदासी को
मेरे मन की बे चैनी बढ रही है
दिल धडकने तेज हो रही है
क्यो नही देख सकतीतू इस धडकनों को
क्या समझु मै तेरे इस बँद आँखो को
बोलते नही तेरे
यह खामोश होट
फिर भी सुनाते है ऑखे
क्या समझू मै तेरे इस
ऑखो को...
बोलो खामोश क्यो हो
क्या हो गया मूझे भी समझाओ
ता कि मै समझ सकू तेरे
तेरे इस बे बेचैनी को
कहे भी दो, क्या समझू मै
तेरे इस बंद होटो को||२||
क्यो चेहरे की हँसी चली गयी
मूझे देखकर तू क्यो उदास हो गयी
क्या समझू मै तेरे इस उदासी को
मेरे मन की बे चैनी बढ रही है
दिल धडकने तेज हो रही है
क्यो नही देख सकतीतू इस धडकनों को
क्या समझु मै तेरे इस बँद आँखो को
बोलते नही तेरे
यह खामोश होट
फिर भी सुनाते है ऑखे
क्या समझू मै तेरे इस
ऑखो को...
बोलो खामोश क्यो हो
क्या हो गया मूझे भी समझाओ
ता कि मै समझ सकू तेरे
तेरे इस बे बेचैनी को
कहे भी दो, क्या समझू मै
तेरे इस बंद होटो को||२||
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