नर्मदा मोत्सव

सभी देशवासियों को नर्मदा जयंती की शुभकामनाएं। सबसे सुंदर सबसे न्यारी, देवों ने चरण पखारी है संपूर्ण जगत की नदियों में, केवल वो चिरकुंवारी है जिसके दर्शन करने मात्र से, हम पाप मुक्त हो जाते हैं नदियों में सर्व श्रेष्ठ नर्मदा, मॉ मैकल राज दुलारी है। होती परिक्रमा मॉ रेवा की, पर नदियां सभी पवित्र हैं बही स्कंद पुराण के रेवाखण्ड में, ऋषि मार्कण्डेय जी ने बात कही हर अवतार में प्रभु नारायण, स्तुति मॉ की गाए हैं चिर कुंवारी नर्मदा माता, पूरब से पश्चिम को हैं बही। लगाने को तो संगम में, सभी डुबकी लगाते हैं कभी गंगा कभी यमुना, कभी सरयू में जाते हैैं परिक्रमा करते श्रद्धालु, समर्पित श्रद्धाभाव से दर्शन कर मां रेवा की, धोकर पाप जाते हैं। कितनी सुंदर घाटी यहां की, मनमोहक तस्वीर है नाम अमरकंटक है जिसका, संतों की तपोभूमि है सोन, जुहिला और पवित्र मॉ, नर्मदा नदी का उद्गम है दृश्य अलौकिक सजर यहां पर, ऐसा लगे कश्मीर है। हे ! उमारूद्रांगसंगभूता, चित्रोत्पला माँ शंकारी, हे ! माँ मैकलसुता, त्रिकूटा, सुन विनती एक हमारी, तेरे सम्मुख रहूँ माता मैं, तेरा ही नित ध्यान करुं, नर्मदाष्टक, नर्मदास्त्रोत गाऊँ मैं बार...