Love poem monwart

मारोती गंगासागरे कोई तो बात होगी तभी रखा है तुमने मौन व्रत यूही ऐसे कभी नही रखती किस खुशी मे रखा है तुमने यह मौन व्रत क्या मुझे बता पाओगी पता है व्रत टूट जाएगा तो इशारो मे समझाओगी क्यों रखा है तुमने मौन व्रत क्या बता पाओगी मै भी यह मौन व्रत रखू क्या ? तुम्हारे खुशी मे शामिल होने के लिए तुम्हारे नि:शब्द कथनो मे मेरे शब्द कथित करने के लिए मै भी रखू क्या मौन व्रत...