भगतसिंह को श्रद्धांजलि
छोटी सी उर्म थी हँसने खेलने के दिन थे देखकर गुलामी का बंधन खून खोल उठा था अपने ही बल पर ओ पराया राज करता था तभी एक आग सुलगी भगतसिंह नामक तारा चमका दुश्मनों के घर जाकर दुश्मनों को पानी पिलाया वह भगतसिंह महान था नेक काम देखकर दुश्मन ने साजिश की पकड़ कर वीर को फाँसी दी... ऐसे वीर को भावपूर्ण श्रधंजलि कवि मारोती गंगासागरे नांदेड़ महाराष्ट्र से 8411895350