संदेश

अगस्त, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भाषा मे वर्तनी का महत्व

भाषा मे वर्तनी का महत्व बहूत माना जाता है जैसे सब्जी मे नमक का होता है घर मे मॉ और श्रंगार बिंदी का महत्व होता है     वैसे ही लेखन मे     लेखन मे वर्तनी का    महत्व होता है इसके बिना शब्द अर्थ हिन होते भाषा का सौदर्य निकल जाता         ध्यान दो वर्तनी पर         तो उच्चारण में और         लेखन मे होगा सुधार. ..

बारिश कें दिनो मे...कविता

चित्र
बारिश कें दिनो मे गाती चिडियॉ  कवि मारोती गंगासागरे नाचते मोर देखकर हरी- हरियाली हम भी मचाते शोर           बारिश कें दिनो मे           लहराती हुई फसलें           देखकर जाग उठे           किसानों के सपने          हम ही है शामिल अपने सपनों मे बारिश कें दिनो मे धूम मचाती नदी उसमे है मछलियों कि छवि कभी यहॉ तो कभी वहॉ दिखाती अचानक कहॉ गायप हो जाती             बारिश कें दिनो में             सारा जहॉ भी हैं मस्ती मे             देखकर सबकी हँसी             जाग उठी यह सोई धरती             बारिश कें दिनो में....

बारिश पर कविता

चित्र
मैं बारिश के संग झूमने आयी हूँ.. मैं बारिश के संग झूमने आयी हूँ.. बारिश के संग हवा भीझुमने लगी है मेरे कानों मे आके बन गया क्या मेरा दिवाना कहेने लगी है     बारिश के संग हवा भी झूमने लगी है मस्ती मै आके मूझे कहने लगी है क्यों उदास है, तू कहे तो मनाउ क्या उसे तेरे दिल का हाल मे रे मूह से बताऊ मै बारिश के संग झूमने आयी हूँ यूही जाते जाते उसे बताके जाती हूँ तू चिंता न कर   ऐ बारिश उसे भिगोएगी और मै उसके तन-मन को बहेकाउँगी   जाते जाते तेरा यह काम करके   जाती हूँ मै बारिश के संग झूमने आयी हूँ  उसे बारिश के संग हवा भी झुमने लगी है मेरे कानों मे आके बन गया क्या मेरा दिवाना कहेने लगी है     बारिश के संग हवा भी झूमने लगी है मस्ती मै आके मूझे कहने लगी है क्यों उदास है, तू कहे तो मनाऊँ क्या उसे तेरे दिल का हाल मेरे मूह से बताऊ क्या उसे मै बारिश के संग झूमने आयी हूँ यूही जाते - जाते उसे बताके जाती हूँ तू चिंता न कर   ऐ बारिश उसे भिगोएगी और मै उसके तन-मन को बहेकाउँगी   जाते-जाते तेरा यह काम करके   जाती हूँ... मै...