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होली पर रचनाएँ

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   होलो की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं | स्वागत करता हूँ आप सभी का मेरी रचना के इस मंच पर |     भारतीय संस्कृति में बहुत से त्योहार मनाएँ जाते उन में महत्वपूर्ण और एकता को बांधे रखने वाला त्योहार होली का हैं | साथ ही होली का जब दहन होता है तो उसमें सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकारात्मक सोच , पहल का अंगीकार करना ऐसी कही धारनाएँ होली का त्योहार मनाने के पीछे हैं |         हम भी अपने साहित्यिक जगत में होली इस विषय पर कई रचनाकारों के रचनाओं का संचयन किया और इस तरह होली मनाने का प्रयास किया...             रंगों में रंग प्रेम रंग      प्रेम रंग सा दूजा रंग ना कोई      इस रंगमे रंगना चाहे सभी      फिर भी इससे द्वेष रखते सभी आओ यह द्वेष मिटाए  होली में लाल गुलाल उड़ाएँ सभी रंग छोड़कर एकता में हम रंग दिखाएँ... इसी तरह होली का त्योहार मनाएँ संपादक मारोती गंगासागरे नांदेड़ महाराष्ट्र से विषय: होली   होली मिलन-मधुर मिलन होलिका दहन में, सवाल उठता ज़हन में, क्...

बारिश हो रही हैं

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बारिश हो रही हैं बारिश हो रही हैं, तेरी याद आ रही हैं | धरा के आँचल में..., बर्खा गुनगुना रही हैं | य सारे जहाँ में खुशी हैं , दिलबर थोड़ीसी दूरी हैं | इस मौसम के बहारों में..., आओ ना साथ चलते हैं | दिल का दरवाजा खोलके , सुनो बारिश भी गा रही हैं | प्रेम रंग में डूबकर अब , ओ भी मस्ती में आ रही हैं | मिट्टी का गंध उढ़ा हैं , हवा में फैला चारो ओर | मिलन हुआँ हैं प्रकृति का , देख बारिश में भीगा हैं तन | मारोती गंगासागरे 

गोष्ठी व पुस्तक विमोचन सम्पन्न

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गोष्ठी व पुस्तक विमोचन सम्पन्न गुवाहाटी। मेलाराम वफ़ा साहित्य अकादमी के तत्वाधान में गुवाहाटी असम साहित्य सभा, ज्योति अग्रवाल हाल में मेलाराम वफ़ा साहित्य अकादमी की दूसरी मासिक गोष्ठी समारोह पूर्वक सम्पन्न हुई। कार्यक्रम का प्रारम्भ सरस्वती वंदना तथा अतिथि गण द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। प्रसिद्ध शायर, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पत्रकार स्व. पंडित मेलाराम वफ़ा को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। मेलाराम वफ़ा साहित्य अकादमी के सौजन्य से डॉ चंद्रकांता शर्मा जी की पुस्तक "युगे- युगे शक्ति अपरूपा" का विमोचन भी हुआ। गोष्ठी के मुख्य अतिथि आ. दयानंद पाठक जी, अति विशिष्ट अतिथि आ. मुक्ता बिस्वास, एवं विशिष्ट अतिथि आ.मंजरी शर्मा रहीं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आ. नंदा शर्मा जी, आ. सौमित्रम जी और  ब्रह्मपुत्र साहित्य मंच के अध्यक्ष किशोर रहे। श्री जैन ने पुस्तक से जुड़ी नारी शक्ति के कई उदहारण दिए और बताया कि वर्त्तमान युग में महिलाओं ने अपनी शक्ति और मज़बूती का परिचय भी समय समय पर दिया है। वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में नारी की सहनशीलता, समरसता और धैर्य को पुरुष से बढ़कर बताया। पुस्...