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प्यार भरा गीत

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मुक्तक गीत तू मेरी जान से बेईमान बन गयी दिल के मेरी बातें श्मशान बन गयी दिल लगाने से हमें फिर क्या फायदा हमें रुला के तू अभिमान बन गयी। तू मेरी जान  है , तू मेरी  जान है तेरे  इश्क  में मैं  हरपल  हैवान है तेरी यादें  बिना मैं  रह नहीं सकता अब ना मुझे कोई करता सम्मान है। मुहब्बत करने  वाला कभी डरता नहीं बदनाम हो कर किसी को कुछ कहता नहीं वह छोड़ता नहीं ,वह छोड़ता नहीं कभी कितने मार हो  उस पे फिर लड़ता नहीं। दिल को जोड़ना कैसी वह जवानी है दिल को तोड़ना कैसी वह कहानी है हमें  मन  थे  तेरे दिल  में  रहने का  मुहब्बत में जन्म - जन्म की कहानी है।           कुमार "अंचल"         अररिया,बिहार            कवि/शायर

छोटे टुकड़े अलका जैन

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वो पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े जिन्हें  हम सितोलिया पुकारते उन सात पत्थर की कीमत अनमोल जब मुल्याकं किया बुढ़ापे में आदमी ने वो महफ़िल जो बेमक़सद सजती रही मेरी आपकी हमारी चोखट पे आये दिन  जिन महफ़िलो में फजीते रहते थे खाने के जिन महफ़िलो में लिबास को तवज्जो नहीं वो शुद्ध यारी दोस्ती की महफ़िल अनमोल याद आते हैं वो  दिन अनमोल यारी दोस्ती यार के एक आवाज पर जान देने की आरजू वो सिगरेट के छोटे छोटे खश खींचना चुपके वो दारु पीने की जुगाड करना चुपके चुपके वो हसीना को बेवजह  घूरना फिरके कसना वो बेफिक्री जाने किधर गुम गई जिंदगी से वो पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े citolia Jindagi tera khee khatam aba mrtu Bola rahe citolia