प्यार भरा गीत

मुक्तक गीत तू मेरी जान से बेईमान बन गयी दिल के मेरी बातें श्मशान बन गयी दिल लगाने से हमें फिर क्या फायदा हमें रुला के तू अभिमान बन गयी। तू मेरी जान है , तू मेरी जान है तेरे इश्क में मैं हरपल हैवान है तेरी यादें बिना मैं रह नहीं सकता अब ना मुझे कोई करता सम्मान है। मुहब्बत करने वाला कभी डरता नहीं बदनाम हो कर किसी को कुछ कहता नहीं वह छोड़ता नहीं ,वह छोड़ता नहीं कभी कितने मार हो उस पे फिर लड़ता नहीं। दिल को जोड़ना कैसी वह जवानी है दिल को तोड़ना कैसी वह कहानी है हमें मन थे तेरे दिल में रहने का मुहब्बत में जन्म - जन्म की कहानी है। कुमार "अंचल" अररिया,बिहार कवि/शायर