प्रेम प्रक्रति की बहू मूल्यदेन हैं...

प्यार होना यह एक प्रकृति का अहसास है मानो लाइफ टर्निंग पॉइंट हैं | क्यों कि जीवन पूरा बदल जाता हैं किसीका अच्छा तो किसीका बुरा हाल होता जैसा ही हो जीवन बदल जाता हैं | ऐसा कहना ही उचित होगा साथ ही प्रकृति भी हमे मदद करती हैं | प्यार होने से पहले जिसेभी हम चाहते हैं उसके प्रति एक आकर्षण सा निर्माण होता हैं उसी के बारे में सोचना , उसी के ख्यालो में रहना कितना ही मन मे ठान लो कि मैं उसे याद नही करूँगा मगर याद आती हैं | यह जो आकर्षण हैं यह मन मे उठने वाले तरंग हैं और इसे प्रकृति अपने आप उत्तेजित करती हैं साथ ही सही समय पर यह अवस्था निर्माण होना यह भी प्रकृति का ही एक तोहफा कह सकते हैं | धीरे- धीरे यह आकर्षण बढ़ता रहता हैं तो उसे मिलना , बातें करना अच्छा लगता और यह आकर्षण ही बाद में प्यार में रूपांतरित होता यदी हम इस आकर्षण को प्यार में बदलना चाहतें हैं यह भाव प्रकृति अपने आप आपके अंदर भर देती हैं और सामने वाले को भी इस भाव से परिचित करती हैं | कहने का मतलब आकर्षण ही प्यार की प्रथम सीढ़ी हैं ऐसा कहना गलत नही हैं | प्यार का इजहार करने से पूर...