गोदान की धनिया और धनिया का गोदान

गोदान की धनिया और धनिया का गोदान डॉ. अवधेश कुमार 'अवध' गोदान के संदर्भ में दो मुख्यत: बातें सामने आती हैं। एक 1936 में प्रकाशित मुंशी प्रेमचंद का जग जाहिर उपन्यास गोदान और दूसरा मत्यु के उपरान्त वैतरणी पार करने के लिए गोदान। इन दोनों गोदानों में गाय का जिक्र है साथ ही आज के दौर में परिवर्तन की शुरुआत हो गई है। अब गाय के बदले कुछ हजार रुपये देकर काम चलाया जाने लगा है जिसका श्रीगणेश प्रेमचंद की धनिया ने किया था। हिंदू धर्म में सर्वोच्च चाहत के रूप में मोक्ष प्राप्ति को माना गया है। मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक इसी मोक्ष की चाहत में पल- प्रतिपल धर्म सम्मत कार्य करता रहता है। सामाजिक नियन्त्रण का प्रमुख साधन धर्म उसे पाप न करने और यथाशक्ति पुण्य करने की ओर प्रवृत्त रखता है। धार्मिक क्रिया कलाप, पूजा, व्रत, अनुष्ठान आदि बहुत से ऐसे कार्य हैं जिनके पीछे एक मात्र उद्देश्य मोक्ष ही होता है। मोक्ष पाना अर्थात् पुनर्जन्म एवं आवागमन से मुक्त हो जाना। मोक्ष प्राप्ति के लिए कुछ मानकों को पूरा करना होता है जैसे पुत्र पैदा करना, कन्...