कहानी पहली बारिश

मारोती गंगासागरे पहली बारिश --- -- -------------------------------------------------------------------- जून माह प्रारंभ हो चूँका था , खेत खलियानों की सभी धरा तप-तपकर व्याकुल सी हो गई थी | सूरज की अग्नि में जल-जलकर अवस्था विरहणी सी हो गई थी , वह अपने दिलदार का इंतजार कर रही थी , याने की बदल कब आएंगे वर्षा के साथ मिलने और मेरी यह तपन कब मिटाएंगे इसी सोचमे धरा जी रही थी | मृग नक्षत्र भी निकल भी निकल ने वाला भी हैं | ऐसा पता चलते ही सभी किसानों में अपनी खेती भी अच्छी जोतकर रखी थी और कुछ किसानों की बाकी थी | इसी दौर में शहर में पढ़ाई के लिए गया हुआँ राज गाँव लौट आया था | बारिश न होनेक कारण धूप भी हँस-हँस कर चमक रही थी इसी बीच राज खेत मे घूमने गया था | दोपहर का समय ढल चूँका था फिर भी सूरज की ज्वाला कम न हुई थी | इसी बीच हवा ने भी छुटी ली थी | शहर से आया हुआँ राज पसिनेसे तरबतर हो गया था | मैं कई करू...