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हिंदी प्रेम कविता

क्या...याद है तुम्हे मेरे खयाल से पता नही पर लगता तो है कि याद होगा तुम्हे    आज से दो साल पहले   इसी दिन मिलेते हम  दिवार के पास यशवंत कॉलेज मे यह तो...याद होगा तुम्हे   लगता तो है कुछ खास नही   पर छेड दी थी,हमने ही बात शायद तुमने भी मौन रख कर दिया था जबाब यह पक्का याद है मुझे      फिर कुछ दिन चुप करहकर     हुऑ था धिरे धिर बातो का    सिल सिला शुरु   लगता है यह तो याद होगा ही तुम्हे फिर मिलना जुलना दिल खोलकर बाते करना कभी कभी तेरा रुठ जाना और मेरा पंक्तीयॉ लिखकर तुम्हे मनाना     क्या यह सब याद है तुम्हे